Moral Stories In Hindi For Class 8

Moral Stories In Hindi For Class 8 (Hindi Stories For Class 8)


I have written 2 moral stories in hindi for class 8 students. From these moral stories, you will definitely get lessons. So enjoy these moral stories in hindi.


Content:

  • बेवकूफ गधा
  • अभिमानी कंगारू

                                      1. बेवकूफ गधा(Moral Hindi Stories For Class 8)

Moral Stories In Hindi For Class 8


आज आप एक बेवकूफ़ गधे की moral story सुनेंगे जिसमे आपको एक गधे के माध्यम से ग़लतियों को दोहराना नही बल्कि उनसे सीख लेने की सीख के बारे में in hindi पता चलेगा।


आशा करता हुँ कि moral story in hindi for class 8 का यह भाग शिक्षको के लिए भी लाभदायक रहेगा।


तो चलिये moral story in hindi के इस भाग की कहानी को शुरू करते हैं।


बहुत समय पहले एक जंगल मे एक शेर और एक एक भेड़िया दोनो साथ मे रहा करते थे। वे दोनों बहुत पक्के दोस्त थे। एक दिन शेर की लड़ाई हाथी से हो जाती हैं। इस लड़ाई में शेर घायल हो जाता हैं। वह भेडिये को बोलता हैं कि मैं बहुत घायल हुँ इसलिए मै भागकर शिकार तो नही कर पाऊंगा।


लेकिन अगर तुम शिकार को मेरे तक शिकार लेकर आओगे तो मै उसका शिकार आसानी से कर लूँगा और अपन दोनो मिलकर उसे खा लेंगे।


भेडिये ने कहा कि ये तो मेरे लिए भी फायदे का सौदा हैं। इससे मुझे सिर्फ शिकार के लिए जाल बिछाना होगा बस। भेड़िया शिकार की तलाश में जंगल के भीतर गाँव की तरफ निकल जाता हैं। कुछ देर बाद उसे एक खेत में गधा नज़र आता हैं। भेड़िया गधे के पास जाकर बोलता हैं कि तुम कैसे हो गधे भाई। गधा बोलता हैं मै ठीक हुँ।


भेड़िया बोलता हैं कि क्या तुम्हें तुम्हारा मालिक खाना नही देता हैं क्या ?

गधा बोलता हैं कि मेरा मालिक मुझे बहुत कम घास खाने को देता हैं और पूरे दिन बहुत काम करवाता हैं।

तब भेडिये ने बोला कि क्यों न तुम मेरे साथ जंगल में चलो वहाँ बहुत सारी हरी भरी रसीली घास हैं, तुम्हे उस घास को खाकर बहुत आनंद आ जायेगा।

moral stories in hindi for class 8


गधा हरी भरी घास के लालच में भेडिये के जाल में फँस जाता हैं और भेडिये के साथ जाने को तैयार हो जाता हैं। भेड़िया, गधे को लेकर शेर के पास पहुँच जाता हैं।


शेर की भूख गधे को देख कर और बढ़ जाती वह जल्दबाज़ी में गधे के ऊपर झपटा मारता हैं।


लेकिन गधा बच जाता हैं और वहाँ से भाग जाता हैं। शेर की इस हरकत को देखकर भेडिया बोलता की तुम अब शिकार भी नहीं कर सकते हो क्या ? तब शेर बोलता हैं कि वो मैं गधे को देखकर कर लालची हो गया था इसलिए जल्दबाज़ी में ऐसा हो गया। क्या तुम वापस से उसे यहाँ ला सकते हो क्या ?


तब भेडिया बोलता की में प्रयत्न करता हुँ अगर वो मान गया तो मैं उसे यहाँ पर ले आऊंगा। भेडिया वापस गाँव की और जाता हैं गधे को वापस लेने। भेडिया गधे के पास पहुँच जाता हैं और उससे शेर द्वारा की गई गलती के लिए माफी मांगता हैं।


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तब गधा गुस्से में बोलता हैं कि क्या तुम मुझे शिकार बनाकर शेर के पास लेकर गए थे क्या ? अगर मैं थोड़ी देर और विलंभ करता तो तुम दोनो तो मुझे खा लेते। तब भेडिया बोला कि मेरा दोस्त शेर तुम्हे देखकर कर खुशी से पागल हो गया था और तुम्हे गले लगाने चाहता था इसलिए गलती से यह सब हो गया। तुम उसे माफ कर दो। 


अभी वह तुमसे माफी मांगना चाहता हैं। क्या तुम मेरे साथ फिर वापस चलोगे। गधा फिर से भेड़िये के जाल में फँस जाता हैं और भेडिये के साथ जाने को तैयार हो जाता हैं। वे दोनों शेर के पास पहुँच जाते है। 


इस बार शेर ध्यान से झपटा मारकर गधे को अधमरा कर देता और जमीन पर गिरा देता हैं। गधा अपनी आखरी सांस लेते हुए भेडिये को बोलता हैं कि तुमने मुझे फिर से धोखा दिया बेईमान भेडिये। और यह कहते हुए गधा मर जाता हैं। 

और शेर तथा भेडिया उस गधे को खा जाते है।


तो इस कहानी का नैतिक यह है कि हमे कभी भी गलती को दोहराना नही चाहिए बल्कि उस गलती से सीख लेनी चाहिये।



                                                 



                               2. अभिमानी कंगारू (Moral Hindi Stories For Class 8)


Moral Stories In Hindi For Class 8


आज आप एक घमंडी कंगारू कि moral story सुनेगे।  जिसमे आप एक कंगारू के माध्यम से जानेगे कि कैसे घमंड सम्मान का नाश करता हैं। बहुत समय पहले एक जंगल एक शेर राज किया करता था। वह जंगल के बीचों बीच एक गुफा में रहता था। उस गुफा के पास एक बहुत बड़ा बरगद का पेड था।उस बरगद के पेड से हर दिन डरावनी हवाऐं चलती थी और ये हवाऐं तभी चलती थी जब शेर गुफा में आराम किया करता था।एक दिन शेर बहुत नाराज हो गया। उसने एक हाथी को उस पेड को उखाड़ने के लिए बुलाया। हाथी ने शेर के कहने पर पेड को उखाड़ दिया लेकिन कुछ ही क्षणों में वो पेड वापस उसी जगह खड़ा हो गया। ये देखकर शेर और हाथी दोनो किसी चोंक गए।फिर हाथी बोला कोई बात नही राजा मै इस पेड को वापस उखाड़ देता हूँ। हाथी ने फिर वापस पेड को टक्कर मारकर उखाड़ दिया। लेकिन पेड वापस कुछ ही क्षणों में उसी जगह खड़ा हो गया।फिर उस पेड में से एक कंगारू की आत्मा निकली। कंगारू की आत्मा को देखकर हाथी और शेर दोनो डर गए।

उस कंगारू की आत्मा को अपनी लंबी पूँछ पर बहुत घमंड था। कंगारू बोला कि मै कई सालों से इस पेड में निवास कर रहा हूँ। शेर के पिता ने मुझे कुछ सालो पहले एक छोटी सी बात के लिए मृत्यु दंड दिया था इसलिए मै इस पेड में रहकर शेर को परेशान कर रहा था।

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लेकिन अब जबकि मेरा राज तुम्हारे सामने आ गया हैं शेर तो मै तुम्हे मार दूंगा। तब शेर ने डरते हुए बोला की मेरी मृत्यु के अलावा ओर कोई दूसरा रास्ता नही हैं क्या तुम्हारे पास अपना बदला लेने के लिए। तब कंगारू बोला चलो ठीक है मै तुम्हे एक मौका देता हूँ अगर तुम मेरी पूँछ से लंबी और अधिक फायदे वाली पूँछ वाला जीव मेरे सामने लाओ तो मै तुम्हे छोड़ दूंगा। शेर ने पूरे जंगल के जानवरों की पूँछो को कंगारू की पूँछ से नापा लेकिन किसी भी जानवर के पूँछ की लंबाई कंगारु के पूँछ जितनी नही थी। सभी जानवरो की पूँछ कंगारु की पूँछ से छोटी थी। इस बात से शेर बहुत परेशान हो गया। कंगारु बोला कि अब तक तुम्हे मेरी पूँछ जितनी लंबी पूँछ किसी जानवर की नही मिली हैं तो अब तुम मरने के लिए तैयार हो जाओ। इतनी ही देर में एक सांप वहाँ पर आया और शेर से बोला कि अभी तक मेरी पूँछ की लंबाई नापना बाकी हैं राजा। तब शेर ने सांप की पूँछ को कंगारु की पूँछ से नापा तो सांप की पूँछ कंगारु की पूँछ से लंबी निकली। तब कंगारु गुस्सा हो गया और बोला कि तुम तुम्हारी पूँछ के फायदे बताओ जैसे मै मेरी पूँछ पर बैठ सकता हुँ वैसे तुम भी कर सकते हो क्या सांप। तब सांप बोला की तुम सिर्फ अपनी पूँछ पर बैठ सकते हो ,मैं अपनी पूँछ पर बैठने के साथ साथ इसकी मदद से चल सकता हूँ,इस पर बैठ सकता हूँ, इस पर सो सकता हूँ।

इस चीज़ को देखकर कंगारु का घमंड टूट गया और वह वहाँ से चला गया। 


तो इस कहानी का नैतिक यह है कि हमे कभी भी अपनी विशेषताओ पर घमंड नही करना चाहिए।


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